वाराणसीः पद्मश्री से सम्मानित वाराणसी निवासी प्रख्यात योग गुरु स्वामी शिवानंद का निधन हो गया। वह 128 वर्ष के थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
बाबा शिवानंद के शिष्यों ने बताया कि अस्वस्थ होने के कारण उन्हें 30 अप्रैल को काशी हिंदू विश्वविद्यालय अस्पताल में भर्ती कराया गया था और शनिवार रात उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्होंने बताया कि योग गुरु का अंतिम संस्कार रविवार शाम को किया जाएगा।
श्रद्धांजलि देने के लिए बाबा शिवानंद के पार्थिव शरीर को कबीरनगर कॉलोनी स्थित उनके आवास पर रखा गया है। शिष्यों ने बताया कि वर्तमान में बांग्लादेश के श्रीहट्ट जिले में आठ अगस्त 1896 को शिवानंद का जन्म हुआ था और बाबा शिवानंद जब छह साल के थे तभी उनके माता-पिता की भूख के कारण मृत्यु हो गई थी।
उन्होंने बताया कि तब से वह आधा पेट ही भोजन करते थे। शिवानंद बाबा के माता-पिता के मौत के बाद उनकी जिम्मेदारी ओंकारनंद ने अपने ऊपर ले ली। इन्हीं के पास रह कर शिवानंद बाबा ने ज्ञान और शिक्षा ग्रहण की।
योग गुरु के शिष्यों ने बताया कि बाबा शिवानंद को 2022 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। उन्होंने बताया कि बाबा की दिनचर्या और खानपान ही उनकी उम्र का राज था। वह नियमित रूप से तड़के तीन बजे उठ जाते थे और योग करते थे।
वह अपना सारा काम खुद करते थे। वह केवल उबला हुआ भोजन करते थे और चटाई पर सोते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने योग गुरु के निधन पर शोक प्रकट करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘योग साधक और काशी निवासी शिवानंद बाबा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। योग और साधना को समर्पित उनका जीवन देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।
योग के जरिए समाज की सेवा के लिए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित भी किया गया था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिवानंद बाबा का शिवलोक प्रयाण हम सब काशीवासियों और उनसे प्रेरणा लेने वाले करोड़ों लोगों के लिए अपूरणीय क्षति है।
मैं इस दुःख की घड़ी में उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।’’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘योग के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान देने वाले काशी के प्रख्यात योग गुरु ‘पद्मश्री’ स्वामी शिवानंद जी का निधन अत्यंत दुःखद है। उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आपकी साधना एवं योगमय जीवन संपूर्ण समाज के लिए महान प्रेरणा है।
आपने अपना पूरा जीवन योग के विस्तार में समर्पित कर दिया। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।’’











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