लखनऊः उत्तर प्रदेश में 95 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) हैं. इनकी संख्या में इजाफा करने के लिए योगी सरकार ओडीओपी 2.0 नीति लाएगी. इस नई नीति से एमएसएमई कारोबारियों को पांच करोड़ रुपए तक कर्ज और मिल सकेगा. यह कर्ज उन्ही उद्यमियों को मिलेगा, जिन्होने पहले लिया गया दो करोड़ रुपए का कर्ज चुका दिया हो.
पांच करोड़ रुपए तक कर्ज का कर्ज लेने वाले उद्यमी को 50 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी. प्रदेश में अभी दो करोड़ की सब्सिडी पर 10 लाख की सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि नई नीति से ओडीओपी योजना के तहत काम कर रहे हस्तशिल्पियों तथा कारोबारियों को प्रदेश में अपना कामधंधा बड़े स्तर करने का मौका मिलेगा और राज्य में एमएसएमई कारोबारियों की संख्या डेढ़ करोड़ को पार कर जायगी. मुख्यमंत्री सचिवालय के अफसरों के अनुसार, इसी साल होने वाले ग्लोबल इनवेस्टर समिट के पहले नई ओडीओपी नीति को मंजूरी मिल जाएगी.
इसके लिए एमएसएमई विभाग के आला अफसर नीति को तैयार करने में जुट गए हैं. ओडीओपी यानी एक जिला एक उत्पाद. यूपी की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर ओडीओपी योजना का शुभारम्भ किया था. बाद में इसे केंद्र सरकार ने भी इस योजना को देशभर में लागू किया.
यूपी में अभी 31 जिलों के एक जिला, एक उत्पाद और 44 जिलों के एक से अधिक उत्पाद ओडीओपी में शामिल हैं. यहीं नहीं ओडीओपी के करीब दो दर्जन उत्पादों को जीआई टैगिंग मिली है. तमाम ओडीओपी उत्पाद फ्लिपकार्ट तथा अमेजान के जरिए ऑनलाइन लोग खरीद रहे हैं. मुख्यमंत्री योगी अब यह चाहते हैं कि राज्य में नए ओडीओपी उत्पाद का दायरा बढ़ाया जाए.
नए ओडीओपी उत्पादों में गाजियाबाद से धातु, टेक्सटाइल, बिजनौर से काष्ठशिल्प, पेंट व ब्रश, बरेली से लकड़ी के उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए. इसके लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाए और ओडीओपी योजना के तहत कार्य कर रहे एमएसएमई कारोबारियों को पांच करोड़ रुपए तक कर्ज दिया जाए, ताकि वह बेहतर तरीके से अपने कारोबार को जमा सके.
ओडीओपी को सूबे में सीएम योगी की प्रिय योजना माना जाता है. सीएम योगी ओडीओपी के उत्पादों को ही गिफ्ट में देते हैं. महाकुंभ के दौरान लखनऊ आए हर वीआईपी को गिफ्ट में सीएम योगी ने ओडीओपी के उत्पाद ही दिए थे. सीएम योगी की इसी सोच के तहत एमएसएमई विभाग के आला अफसरों ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के साथ इस संबंध में एक बैठक कर नई ओडीओपी नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. इस बैठक में शामिल अफसरों के अनुसार, यूपी में अभी ओडीओपी योजना के जरिए कम कीमत के उत्पाद बनाए और बेचे जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री की मंशा है कि सूबे में ओडीओपी योजना के तहत कार्य करने वाले एमएसएमई उद्यमी हर जिले में बड़े पैमाने पर हस्तशिल्पी के जरिए बड़े स्तर पर अपने उत्पाद का निर्माण करें. हर ओडीओपी उत्पाद की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए ताकि उसे देश के बाहर भी बेचा जा सके. कम कीमत वाले उत्पादों के निर्माण से बहुत ज्यादा आगे बढ़ने की संभावना नहीं रहती है.
ऐसे उत्पाद स्थानीय बाजार में खप जाते हैं लेकिन उन्हे उच्च वर्ग के लोग खरीदने से परहेज करते हैं. क्योंकि गुणवत्ता, मार्केटिंग और पैकेजिंग बहुत बेहतर नहीं होती. बाजार के सर्वे से मिले इस इनपुट को सीएम ने गंभीरता से लिया और इन खामियों को कैसे दूर किया जाए? इस पर चर्चा की.
इसके बाद सीएम योगी ने अधिकारियों के कहा कि वह ओडीओपी उत्पादों की गुणवत्ता के बेहतर करने तथा बड़े पैमाने के उनके निर्माण के लिए नई ओडीओपी नीति तैयार करे. उसमें उद्यमियों को अपने उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करे और एसएसएमई सेक्टर में ओडीओपी उत्पाद बनाने के इच्छुक उद्यमी को पांच करोड़ रुपए का कर्ज देने की तैयारी अब ही जा रही है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले नई ओडीओपी नीति तैयार हो जाएगी. इस समिट में इस नई नीति का ऐलान किया जाएगा.











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