उत्तर प्रदेश बनेगा ग्लोबल सेवा का हब
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) नीति सहित कैबिनेट की बैठक में रखे गए सभी 11 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
लखनऊ।
योगी सरकार की कैबिनेट की बैठक में कुल 11 प्रस्तावों का मंजूरी दी गई। कैबिनेट ने एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ग्लोबल केपेबिलिटी सेंटर्स नीति को भी इस बैठक में मंजूर कर लिया गया। नीति के बल पर प्रदेश को भारत का अगला वैश्विक सेवा केंद्र बनाने और वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य तक पहुंचाना संभव होगा।
इस नई नीति के तहत यूपी में आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग और अगली पीढ़ी की तकनीकों में काम करने वाली वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए आकर्षित किया जाएगा। इससे न केवल रोजगार के लाखों अवसर खुलेंगे, बल्कि प्रदेश के टियर-2 शहरों में भी आर्थिक गतिविधियों में जबरदस्त बढ़ोतरी भी होगी।मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में कैबिनेट की बैठक के बाद राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी
यूपी में आईटी, बैंकिंग, हेल्थकेयर, इंजीनियरिंग व अगली पीढ़ी की तकनीकों में काम करने वाली वैश्विक कंपनियों को बड़े पैमाने पर निवेश के लिए किया जाएगा आकर्षित कैपेसिटी सेंटर कहते हैं। इसमें पहले नंबर पर सॉफ्टवेयर और आईटी आता है, जिसमें मशीन लर्निंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक प्रॉसेस ऑटोमेशन, एआई संचालित डेवलपमेंट, साइबर सुरक्षा, इंजीनियरिंग डेवलपमेंट आते हैं।
पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में कुल 11 प्रस्ताव रखे गए थे और इन सभी 11 प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई।
नीति के संबंध में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में साइंस, लॉ, इंजीनियरिंग समेत बहुत सारे सेक्टर्स का टैलेंट काफी बड़ी मात्रा में मौजूद है।
कम पैसे में बेहतर क्वालिटी का काम लेने के लिए कई मल्टीनेशनल कंपनियां अपने ऑफशोर डेवलपमेंट सेंटर्स यहीं पर स्थापित कर रही हैं।
इसे ही ग्लोबल उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग डिजाइन का बहुत सारा एलीमेंट है, जो बहुत कॉस्टली और टाइम कंज्यूमिंग होता है और हम काफी सस्ते दामों में और उच्च गुणवत्ता के साथ इस काम को कर सकते हैं। इसी प्रकार से बैंक्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस सस्ती दरों पर बिजली खरीदेगा उत्तर प्रदेश लखनऊ।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में सस्ती बिजली आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी और दूरदर्शी पहल की है। की खरीद से मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में आयोजित कैबिनेट बैठक में मंगलवार यूपीपीसीएल को को 1600 मेगावाट क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 25 वर्षों में होगी मेगावॉट ऊर्जा बिड प्रॉसेस के माध्यम से 25 वर्षों तक खरीदने का 2958 करोड़ निर्णय लिया गया है।
बिडिंग प्रक्रिया में सबसे कम टैरिफ दर की की बच पेशकश करने वाली निजी कंपनी को परियोजना के लिए चुना गया है। इससे यूपी पावर कॉर्पोरेशन को 25 वर्षों में लगभग 2958 करोड़ रुपये की बचत होगी। योगी सरकार की इस नई पहल से उत्तर प्रदेश को साल 2030-31 से 1500 मेगावॉट बिजली बेहद सस्ती दर पर मिलने लगेगी।
यह नई परियोजना मौजूदा और आगामी तापीय परियोजनाओं की तुलना में कहीं ज्यादा किफायती है। जहां जवाहरपुर, ओबरा, घाटमपुर, पनकी जैसी परियोजनाओं से बिजली 6.6 रुपये से लेकर 9 रुपये प्रति यूनिट तक मिल रही है, वहीं डीबीएफओओ के तहत प्रस्तावित इस परियोजना के तहत 2030-31 में प्लांट के कमीशन होने के बाद
बिजली सिर्फ 6.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से प्राप्त होगी।
उत्तर प्रदेश के हर जिले दो लाख नई नौकरियों का रास्ता होगा साफ उन्होंने बताया कि इस नीति के लागू होने से आईटी, एनालिटिक्स, एचआर, कस्टमर सपोर्ट और फाइनेंस जैसे क्षेत्रों में दो लाख से ज्यादा गुणवत्तापूर्ण नौकरियां सृजित होंगी। साथ ही, वैश्विक निवेश भी तेजी से प्रदेश में प्रवेश करेगा। इससे न केवल शहरी बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
जीसीसी नीति महिलाओं, एससी/एसटी ट्रांसजेंडर और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार में विशेष प्रोत्साहन देती है। इसके अलावा, स्टार्टअप्स को आइडिएशन, पेटेंट और रिसर्च के लिए भी मदद दी जाएगी।











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