चेन्नईः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अगले साल विधानसभा चुनाव के. अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर लड़ेगी। गठबंधन टूटने के लगभग दो साल बाद एआईएडीएमके को एनडीए के पाले में वापस लाने में कामयाब रही है। भाजपा ने अपनी तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के रूप में नैनार नागेंद्रन को चुना है।
तिरुनेलवेली से तीन बार विधायक रह चुके नागेंद्रन शीर्ष पद पर के अन्नामलाई की जगह लेंगे। राज्य में मुख्य विपक्षी दल एआईएडीएमके के साथ नए सिरे से गठबंधन की घोषणा करने से उनका काम संभवतः आसान हो जाएगा। नागेंद्रन उस पार्टी के पूर्व सदस्य हैं, उन्होंने 2001 और 2011 में एआईएडीएमके के टिकट पर तिरुनेलवेली सीट जीती थी, उसके बाद उन्होंने पाला बदल लिया।
नागेंद्रन ने कहा है कि 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव के लिए टीटीवी दिनाकरन के नेतृत्व वाली अम्मा मक्कलमुनेत्र कषगम (एएमएमके) और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम (ओपीएस) को सीट बंटवारे के सवाल पर अन्नाद्रमुक और उनकी पार्टी का नेतृत्व मिलकर विचार करेगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या अन्नाद्रमुक द्वारा उनकी पार्टी को आवंटित सीट में से दिनाकरन (टीटीवी) के नेतृत्व वाली एएमएमके और पनीरसेल्वम को सीट आवंटित करने के लिए भाजपा आगे आएगी, नागेंद्रन ने कहा, ‘‘अभी (अन्नाद्रमुक के साथ) सिर्फ गठबंधन बना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीट बंटवारे पर फैसला हमारा संसदीय बोर्ड और आलाकमान करेगा।
अन्नाद्रमुक भी इस संबंध में एक समिति गठित कर सकती है और हमारा संसदीय बोर्ड इस पर विचार-विमर्श करेगा।’’ नागेंद्रन के पूर्ववर्ती के. अन्नामलाई ने अन्नाद्रमुक के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर से शामिल होने से कुछ समय पहले कहा था कि दिनाकरन जैसे सहयोगियों को ‘‘निराश’’ नहीं किया जा सकता जो पार्टी के पीछे मजबूती से खड़े हैं। अन्नामलाई के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर नागेंद्रन ने कहा, ‘‘निश्चित रूप से उन्होंने जो कहा वह सच है। जो पहले से ही राजग का हिस्सा हैं, वे गठबंधन का हिस्सा बने रहेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा अपने हिस्से से ऐसे सहयोगियों के साथ सीट साझा करके उन्हें समायोजित करेगी, इस पर नागेंद्रन ने अन्नामलाई की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसे सहयोगी भाजपा के साथ हैं और ‘‘हमारा राजग (भाजपा आलाकमान) नेतृत्व और अन्नाद्रमुक नेतृत्व मिलकर इस मामले पर फैसला करेंगे।’’
दिनाकरन और पनीरसेल्वम (ओपीएस) दोनों को पहले भी अलग-अलग मौकों पर अन्नाद्रमुक से निष्कासित किया जा चुका है और पार्टी के महासचिव एडप्पडी के. पलानीस्वामी ने बार-बार जोर देकर कहा है कि वी. के. शशिकला के अलावा इन दोनों नेताओं को फिर से शामिल नहीं किया जाएगा।











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