लखनऊः चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ लखनऊ सुपर जाइंट्स को हार का सामना करना पड़ा। दूसरे रणनीतिक टाइमआउट में लखनऊ सुपर जायंट्स को एक निर्णय लेना था। एमएस धोनी तब मैदान पर उतरे जब सीएसके को आखिरी 30 गेंदों पर 56 रन चाहिए थे और रवि बिश्नोई ने बीच ओवर में बॉलिंग की थी। शानदार गेंदबाजी की थी।
अभी एक और ओवर फेंकना था। पंत ने डेथ ओवरों के लिए अपने तेज गेंदबाजों की ओर रुख किया। यह फैसला रात में उल्टा पड़ गया। यह तर्क दिया जा सकता है कि बिश्नोई को एक और ओवर दिया जा सकता था। उस समय शिवम दुबे गेंद को अच्छी तरह से नहीं मार पा रहे थे। वे 20 गेंदों पर 17 रन बनाकर खेल रहे थे।
उन्होंने बिश्नोई की सिर्फ़ दो गेंदों का सामना किया था, दोनों फुल और उनके हिटिंग आर्क के बाहर, जिससे सिर्फ़ एक रन मिला। बिश्नोई इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि अच्छे स्पैल के बावजूद उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ आईपीएल मैच में डेथ ओवरों में गेंदबाजी करने का मौका क्यों नहीं मिला।
लेकिन उन्होंने अपने कप्तान ऋषभ पंत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि एक कप्तान के रूप में उनके दिमाग में कुछ खास योजनाएं थीं। चेन्नई को जब 30 गेंद पर 56 रन की जरूरत थी तथा महेंद्र सिंह धोनी और शिवम दुबे खेल रहे थे तब पंत ने स्पिनर की बजाय तेज गेंदबाजों से गेंदबाजी करवाने का विकल्प चुना लेकिन उनका यह दाव नहीं चल पाया और धोनी ने 11 गेंद पर 26 रन बनाकर अपनी टीम को जीत दिला दी। बिश्नोई ने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरी वास्तव में इसको लेकर उनसे (ऋषभ पंत) कोई बात नहीं हुई।
मैं दो बार विकेट पर आया लेकिन शायद उनके दिमाग में कुछ और योजनाएं थी। शायद उनका नजरिया कुछ और था।’ उन्होंने कहा, ‘‘एक कप्तान परिस्थितियों का बेहतर आकलन कर सकता है तथा विकेट के पीछे खड़े होने के कारण वह चीजों को अच्छी तरह से समझ सकता है। इसलिए मेरा मानना है कि उन्होंने वही फैसला किया जो उन्हें बेहतर लगा।’’
बिश्नोई ने कहा, ‘‘ मेरा चौथा ओवर करवाने को लेकर उनसे कोई बात नहीं हुई। उनका नजरिया स्पष्ट था कि वह क्या करना चाहते हैं। इस तरह की तनावपूर्ण स्थितियों में यही बेहतर होता है कि कप्तान अपनी सोच के साथ आगे बढ़े ताकि वह बेहतर फैसला कर सके।’’ नियमित कप्तान रुतुराज गायकवाड़ के चोट के कारण बाहर हो जाने से धोनी ने फिर से चेन्नई की कमान संभाली है और टीम के गेंदबाजी कोच एरिक सिमंस ने कहा कि उनका प्रभाव पूरी टीम पर नजर आता है। सिमंस ने कहा, ‘‘उनका प्रभाव हर समय बना रहता है।
जब वह कप्तान नहीं थे तब भी टीम पर उनका प्रभाव था। रुतुराज के साथ उनके संबंध महत्वपूर्ण थे। (मुख्य कोच स्टीफन) फ्लेमिंग और सभी खिलाड़ियों के साथ उनके संबंध बेहद मायने रखते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि वह खेल के तकनीकी पहलुओं पर सीख देते हैं लेकिन वह टीम में शांति लेकर आते हैं। वह इसी तरह से आपको खेलना सिखाते हैं। वह क्रिकेट की अच्छी समझ की सीख देते हैं जो कि खेल का बहुत महत्वपूर्ण पहलू होता है।’’