इंसेंटिव फॉस्टर फाउंडेशन के CEO ने हाल ही में सोशल मीडिया की बढ़ती लत पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स उपयोगकर्ताओं को अधिक समय तक जोड़े रखने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे विशेष रूप से (Social-media-impact) युवा पीढ़ी में चिंता, अवसाद और एकाकीपन जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। यह लत न केवल मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है, बल्कि सामाजिक संबंधों और शैक्षणिक प्रदर्शन पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है।

पुस्तक पढ़ने के लाभ: एक सकारात्मक विकल्प
CEO ने पुस्तक पढ़ने को एक सकारात्मक विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया, जो न केवल ज्ञानवर्धक है बल्कि मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ाता है। पढ़ने की आदत से व्यक्ति की कल्पनाशक्ति, सहानुभूति और आलोचनात्मक सोच में सुधार होता है, जो डिजिटल युग में अत्यंत आवश्यक है।
Social-media-impact: मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया की लत से निपटने के लिए डिजिटल डिटॉक्स, समय प्रबंधन और ऑफलाइन गतिविधियों में भागीदारी जैसे उपाय प्रभावी हो सकते हैं। अध्ययन बताते हैं कि सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और व्यक्ति अधिक संतुलित जीवन जी सकता है।
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अभिभावकों और शिक्षकों की भूमिका
अभिभावकों और शिक्षकों को बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर निगरानी रखनी चाहिए और उन्हें पुस्तक पढ़ने, खेल-कूद और अन्य रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित करना चाहिए। साथ ही, उन्हें स्वयं भी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के उपयोग में संयम बरतना चाहिए, ताकि बच्चे उनसे सकारात्मक व्यवहार सीख सकें।











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