नई दिल्लीः भाखड़ा बांध के पानी के बंटवारे को लेकर राजनीतिक विवाद गुरुवार को और बढ़ गया, जब पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि उनकी सरकार उनके अधिकारों की “लूट” बर्दाश्त नहीं करेगी और उनके हरियाणा के समकक्ष नायब सिंह सैनी ने उनसे “गंदी राजनीति” में शामिल होने से बचने का आग्रह किया।
पंजाब, हरियाणा और राजस्थान साझेदार राज्य हैं, जो भाखड़ा और पोंग बांधों से अपनी पानी की ज़रूरतें पूरी करते हैं जिनका प्रबंधन भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) करता है। बीबीएमबी हर साल 21 मई से 21 मई तक के चक्र के लिए तीनों राज्यों को पानी की आपूर्ति का वार्षिक कोटा तय करता है।
मान और सैनी की टिप्पणी बीबीएमपी द्वारा हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला करने के एक दिन बाद आई है, जबकि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने दावा किया था कि पड़ोसी राज्य ने पहले ही अपने हिस्से का पानी इस्तेमाल कर लिया है।
हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार पंजाब के साथ जल बंटवारे को लेकर हुए ताजा विवाद के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय का रुख कर सकती है।
चौधरी ने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) साझेदार राज्यों के लिए पानी का आवंटन करता है और पंजाब को इस पर आपत्ति नहीं उठानी चाहिए। उन्होंने पंजाब की भगवंत मान सरकार पर इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया।
चौधरी ने कहा, “हमने मामले को बढ़ने नहीं देने का प्रयास किया था। लेकिन मान ने इसे राजनीतिक रंग दे दिया।” उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार राज्य के वैध हिस्से की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मंत्री ने कहा, “अगर यह मुद्दा नहीं सुलझा तो हम उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। हमारे पास हरियाणा को मिलने वाले पानी का पूरा डेटा है। सभी प्रासंगिक तथ्य न्यायालय के समक्ष पेश किए जाएंगे।”
भारत सरकार के गृह सचिव गोबिंद मोहन की अध्यक्षता में हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में तत्काल पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए हरियाणा को 08 दिनों के लिए अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने के भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के निर्णय को लागू कराने के मुद्दे पर चर्चा के लिए आज नई दिल्ली में एक बैठक आयोजित की गई।
बैठक में भारत सरकार और BBMB के साझेदार राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और और BBMB के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। हरियाणा ने अपनी अतिरिक्त जल आवश्यकता के लिए दृढ़ता से अपनी बात रखी।
हरियाणा की ओर से सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे। इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव श्रीमती देबाश्री मुखर्जी और ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल भी उपस्थित रहे।