नई दिल्लीः भारत ने पाकिस्तान से आयात पर रोक लगाने की घोषणा की। भारत ने हवाई और जमीनी मार्गों के माध्यम से पड़ोसी देश पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
“पाकिस्तान से आने वाले या पाकिस्तान द्वारा निर्यात किए जाने वाले” सभी सामानों के “प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष” आयात पर रोक लगाई गई। भारत सरकार ने पाकिस्तान के साथ सभी डाक संपर्क भी निलंबित कर दिए और घोषणा की कि पाकिस्तान के राष्ट्रीय ध्वज वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों पर डॉक करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इन उपायों की घोषणा उस दिन की गई, जिस दिन पाकिस्तान ने परमाणु सक्षम मिसाइल का परीक्षण किया, और कुछ दिनों पहले भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में कम से कम 26 लोगों की जान लेने वाले घातक आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तानी नागरिकों को लक्षित करते हुए सख्त वीजा व्यवस्था लागू की।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने शनिवार को कहा, “पाकिस्तान से आने वाले या वहां से निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आयात या पारगमन, चाहे वे स्वतंत्र रूप से आयात किए जा सकें या अन्यथा अनुमति प्राप्त हों, तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक प्रतिबंधित रहेगा। यह प्रतिबंध राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लगाया गया है।”
भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच हवाई और जमीनी मार्गों के माध्यम से पड़ोसी देश के साथ सभी श्रेणियों के डाक और पार्सल का आदान-प्रदान शनिवार को बंद कर दिया।
पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। सेवाओं को बंद करने का आदेश डाक विभाग द्वारा जारी किया गया, जो संचार मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
पहलगाम हमले के तार ‘‘सीमा पार’’ से जुड़े होने का हवाला देते हुए भारत ने हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने का संकल्प जताया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि सशस्त्र बलों को पहलगाम आतंकवादी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई का तरीका, लक्ष्य और समय निर्धारित करने की ‘‘पूरी अभियानगत छूट’’ है।
भारत ने 24 अप्रैल को कठोर कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि स्थगित करने, पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करने, अटारी एकीकृत जांच चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया था।
भारत ने राजनयिक संबंधों को भी कमतर करने का फैसला किया था। भारत के कदमों की प्रतिक्रिया में, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार सहित भारत के साथ सभी व्यापार को स्थगित कर दिया।
पाकिस्तान ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने को अस्वीकार कर दिया और कहा कि पानी के प्रवाह को रोकने के किसी भी कदम को ‘‘युद्ध की कार्रवाई’’ के रूप में देखा जाएगा।











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