Ambedkar Jayanti 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भीमराव आंबेडकर की जयंती पुष्पांजलि अर्पित की

नई दिल्लीः भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। अपने संदेश में राष्ट्रपति ने कहा, “हमारे संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव रामजी अंबेडकर की जयंती के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।अपने प्रेरक जीवन में बाबासाहेब ने अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपनी एक अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों से दुनिया भर में सम्मान अर्जित किया। विलक्षण योग्यता और बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी बाबासाहेब एक अर्थशास्त्री, शिक्षाविद्, विधिवेत्ता और महान समाज सुधारक थे। वे समतामूलक समाज के प्रबल समर्थक थे और उन्होंने महिलाओं और वंचित वर्गों के आर्थिक और सामाजिक अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया।

वे शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और वंचितों के सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण साधन मानते थे। विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान से आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्धता के साथ काम करने की प्रेरणा मिलती रहेगी। इस अवसर पर, आइए हम डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लें और एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण के लिए काम करें, जिसमें सामाजिक सद्भाव और समानता की भावना समाहित हो’’। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर संसद भवन परिसर में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी आंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, केंद्रीय मंत्री और सांसदों ने भी आंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

आंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लोगों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में आंबेडकर का योगदान आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्र निर्माण में समर्पण के साथ काम करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद अपनी अलग पहचान बनाई और अपनी असाधारण उपलब्धियों के माध्यम से पूरे विश्व में सम्मान अर्जित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि वह शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन और दलितों के सशक्तीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन मानते थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भीमराव आंबेडकर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आंबेडकर की प्रेरणा के कारण ही देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने के लिए समर्पित है। मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा कि आंबेडकर के सिद्धांत और विचार ‘आत्मनिर्भर’ एवं विकसित भारत के निर्माण को मजबूत और तेज करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत एवं आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं।’’

आंबेडकर को अनुसूचित जातियों के सशक्तीकरण के लिए उनके आजीवन संघर्ष और संविधान का मसौदा तैयार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है। दलित परिवार में 1891 में जन्मे आंबेडकर एक प्रतिभाशाली छात्र थे, जो विदेश में अध्ययन करने गए थे। भारतीय समाज में उनके द्वारा झेले गए भेदभाव ने उन्हें एक प्रतिबद्ध समाज सुधारक बना दिया। वह भारत के पहले कानून मंत्री थे और 1956 में उनका निधन हो गया।

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