मस्कटः ईरान के बंदर अब्बास बंदरगाह पर हुए शक्तिशाली विस्फोट में मरने वालों की संख्या कम से कम 25 हो गई है, जबकि 800 से अधिक लोग घायल हुए हैं। ईरान के सबसे बड़े कंटेनर हब बंदरगाह के शाहिद राजाई खंड में शनिवार को लगी आग को पूरी तरह से बुझाने के लिए दमकलकर्मियों ने रविवार को भी प्रयास जारी है।
बंदर अब्बास के आसपास कई किलोमीटर तक की खिड़कियाँ टूट गईं और शिपिंग कंटेनरों से धातुएँ उखड़ गईं। बंदरगाह में रखे सामान को भी भारी नुकसान पहुँचा है। ईरान के संकट प्रबंधन संगठन ने बताया कि 800 लोगों में से 190 अभी भी अस्पताल में भर्ती हैं। घटनास्थल का दौरा करने वाले गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी टीवी को बताया कि “रविवार सुबह तक 80% आग बुझा दी गई थी” और उम्मीद है कि आग बुझाने के प्रयास कुछ और घंटों तक जारी रहेंगे।
जबकि शाहिद राजाई के कुछ हिस्सों में अभियान फिर से शुरू हो गया है, विस्फोट का पूरा कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है। प्रारंभिक विस्फोट के कुछ घंटों बाद हेलीकॉप्टर आग पर काबू पाने के लिए पानी की बौछार करते नजर आए।
शाहिद राजाई बंदरगाह पर यह विस्फोट ऐसे समय हुआ जब ईरान और अमेरिका ने तेहरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर तीसरे दौर की वार्ता के लिए ओमान में शनिवार को मुलाकात की थी।
ईरान में किसी ने भी यह नहीं कहा कि यह विस्फोट किसी हमले के परिणामस्वरूप हुआ है। बहरहाल, वार्ता का नेतृत्व कर रहे ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने बुधवार को स्वीकार किया कि ‘‘वैध प्रतिक्रिया के वास्ते उकसाने के लिए विध्वंसक कृत्य और हत्या के प्रयासों की पिछली घटनाओं को देखते हुए हमारी सुरक्षा सेवाएं हाई अलर्ट पर हैं।’’
ईरान के गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी मीडिया को हताहतों की संख्या बताई लेकिन बंदर अब्बास के ठीक बाहर आग लगने के कारणों के बारे में अधिक जानकारी नहीं मिल पाई है। इस आग के कारण अन्य कंटेनरों में भी विस्फोट होने की खबर है।
इस संबंध में एक सुरक्षा कंपनी ने बताया कि बंदरगाह पर कथित तौर पर मिसाइल ईंधन के लिए रसायन लाया गया था। निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे ने कहा कि बंदरगाह पर मार्च में ‘‘सोडियम परक्लोरेट रॉकेट ईंधन’’ की खेप आई थी। यह ईंधन चीन से दो जहाजों द्वारा ईरान भेजी गई खेप का हिस्सा है, जिसके बारे में जनवरी में ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ ने पहली बार खबर प्रकाशित की थी।
इस ईंधन का उपयोग ईरान में मिसाइल भंडार को पुन: स्थापित करने के लिए किया जाना था, जो गाजा पट्टी में हमास के साथ युद्ध के दौरान इजराइल पर सीधे हमलों के कारण समाप्त हो गया था।