मुंबईः ऑस्कर विजेता संगीत उस्ताद ए आर रहमान ने संगीत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनियंत्रित उपयोग पर चिंता जताई है और चेतावनी दी है कि अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया तो यह अराजकता का कारण बन सकता है। दो एकेडमी अवॉर्ड, एक ग्रैमी और एक गोल्डन ग्लोब अपने नाम करने वाले रहमान का मानना है कि जिम्मेदारी से इस्तेमाल किए जाने पर एआई एक शक्तिशाली उपकरण हो सकता है।
उन्होंने कहा, “इसके अच्छे और बुरे दोनों पहलू हैं और अच्छी चीजों का इस्तेमाल उन लोगों को सशक्त बनाने के लिए किया जाना चाहिए, जिन्हें कभी अपने विजन को अमल में लाने का मौका नहीं मिला।” हालांकि, उन्होंने दुरुपयोग के खिलाफ चेतावनी दी और एआई के हानिकारक तरीकों से अति उपयोग की तुलना “ऑक्सीजन में जहर मिलाकर उसे सांस के जरिए अंदर लेने” से की।
वास्तव में उन्होंने रजनीकांत अभिनीत फिल्म “लाल सलाम” के एक गीत ‘थिमिरी येझुदा’ के लिए दिवंगत गायकों बंबा बाक्या और शाहुल हमीद की आवाज के लिए एक एआई सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया। रहमान ने कहा कि लेकिन उन्होंने संगीतकारों के परिवार से उचित अनुमति लेकर ऐसा किया। रहमान ने स्वीकार किया कि संगीत में एआई का उपयोग “बेतहाशा बढ़ गया है”।
उन्होंने कहा, “कुछ गीत बहुत खराब हैं, और उनमें लोकप्रिय गायकों की आवाज इस्तेमाल की गई है। इसे नियंत्रित करने की जरूरत है, क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अराजकता फैल जाएगी।” उन्होंने कहा कि एआई प्रौद्योगिकी के नैतिक उपयोग के लिए नियम होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “इसके अच्छे और बुरे दोनों पहलू हैं, और अच्छी चीजों का इस्तेमाल उन लोगों को सशक्त बनाने के लिए किया जाना चाहिए, जिन्हें कभी अपने विजन को अमल में लाने का मौका नहीं मिला। लेकिन इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करना हमारे लिए बुरा है।
यह ऑक्सीजन में जहर मिलाने और उसे सांस के साथ अंदर लेने जैसा है।” उन्होंने कहा, “नियम होने चाहिए, जैसे कि कुछ चीजें आप नहीं कर सकते। जैसे, समाज में नैतिकता या व्यवहार के बारे में बात की जाती है, सॉफ्टवेयर और डिजिटल दुनिया में भी ऐसा होना चाहिए।”