आतंक व सीमा पर खतरों का साझा मुकाबला करेंगे भारत-जापान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली के मानेक शॉ सेंटर में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी के साथ की द्विपक्षीय बैठक |
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नातानी के साथ द्विपक्षीय बैठक की। बैठक में भारत और जापान ने आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा की और इस संबंध में वैश्विक सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। राजनाथ सिंह ने एक्स पोस्ट में कहा, नई दिल्ली में जापान के रक्षा मंत्री जनरल नकातानी से मिलकर बहुत खुशी हुई। भारत और जापान के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी है। | द्विपक्षीय बैठक के दौरान हमने रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने सभी रूपों में आतंकवाद की निंदा की और सीमा पार खतरों का मुकाबला करने के लिए सहयोग और संयुक्त प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

नकातानी ने पहलगाम हमले के मद्देनजर भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की और भारत को पूर्ण समर्थन देने की पेशकश की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय शांति में योगदान देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच रक्षा अभ्यासों और आदान-प्रदान की बढ़ती विविधता और सीमा पार आतंकवाद की पाक सरकार की नीति की निंदा रक्षा मंत्रालय ने दोनों नेताओं की बैठक का ब्यौरा साझा करते हुए एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद की पाकिस्तान सरकार की नीति की निंदा की, जिसे सरकारी और गैर-सरकारी तत्वों के माध्यम से अंजाम दिया जाता है।
इस तरह के हमले क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को अस्थिर करते हैं। सिंह ने आतंकवाद और इसे बढ़ावा देने वाली राज्य प्रायोजित कार्रवाइयों के खिलाफ एकजुट रुख अपनाने का आह्वान किया। वहीं जापान के रक्षा मंत्री नकातानी ने 22 अप्रैल को जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर अपनी संवेदना व्यक्त की और भारत को पूर्ण समर्थन की पेशकश की।
दोनों मंत्रियों ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के रक्षा और सुरक्षा स्तंभों की समीक्षा की। आवृत्ति का स्वागत किया और इन जुड़ावों के दायरे और जटिलता को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने भारत और जापान के बीच मजबूत समुद्री सहयोग में नए आयाम जोड़ने पर
सहमति व्यक्त की। राजनाथ ने भारतीय रक्षा उद्योग की क्षमता विशेष रूप से टैंक इंजन और एयरो इंजन सहित नए क्षेत्रों में जापानी पक्ष के साथ सहयोग करने की इसकी क्षमता को रेखांकित किया।











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