नई दिल्लीः दुनिया के सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ता भारत में बुधवार को अक्षय तृतीया के अवसर पर सोने और चांदी की खरीदारी में तेजी आई। कीमतें अधिक होने के बावजूद मूल्यवान धातु की खरीद को लेकर लोगों में आकर्षण दिखा।
आभूषण विक्रेताओं के संगठन अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) ने अनुमान लगाया है कि पिछले साल की तुलना में मूल्य के लिहाज से सोने की बिक्री में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जाएगी।
दिन के पहले पहर में दक्षिण भारत में उपभोक्ताओं की संख्या अधिक रही तथा महाराष्ट्र तथा उत्तरी राज्यों में भी शाम के समय तक खरीदारी बढ़ी। दिल्ली में बुधवार को सोना 98,550 रुपये प्रति 10 ग्राम (करों सहित) पर रहा, जबकि पिछले साल इस त्योहार के दौरान यह 72,300 रुपये पर था। जीजेसी के चेयरमैन राजेश रोकड़े ने बताया कि जो उपभोक्ता ऊंचे दामों पर सोना खरीदने से हिचकिचा रहे थे, वे अब खरीदारी कर रहे हैं क्योंकि कीमतें उच्च स्तर पर जाने के बाद लगभग स्थिर हो गई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि सोने की बिक्री पिछले साल के 20 टन के स्तर पर स्थिर रहेगी। हालांकि, मूल्य के संदर्भ में, सोने की बिक्री में 35 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है।’’
रोकड़े ने कहा कि सोने के मंगल सूत्र और चेन की मांग में वृद्धि के साथ ही चांदी की बिक्री, खासकर बर्तनों की बिक्री में तेजी आई। उन्होंने कहा कि 25-40 वर्ष की आयु के उपभोक्ता भी सोना और चांदी खरीद रहे हैं, जो एक नयी प्रवृत्ति है।
अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना दक्षिण भारत में व्यापक रूप से प्रचलित परंपरा है, जो बढ़ती जागरूकता के साथ धीरे-धीरे पूरे देश में फैल गई है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (भारत) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सचिन जैन ने कहा, ‘‘ सोने की कीमतों में वृद्धि के कारण खरीद क्षमता प्रभावित हुई है। हालांकि, अक्षय तृतीया के कारण खरीदारी का रुझान मजबूत है…।’’
पीएनजी ज्वैलर्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद उपभोक्ता धारणा सकारात्मक बनी हुई है। सोने, हीरे तथा चांदी के आभूषणों में लगातार रुचि बनी हुई है।
गाडगिल ने कहा, ‘‘हालांकि मात्रा के हिसाब से वृद्धि में आठ से नौ प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी जा सकती है, लेकिन मूल्य के हिसाब हमें 20-25 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है जो बाजार के मजबूत होने का एक अच्छा संकेत है।’’