दिल्ली बार काउंसिल द्वारा आज राजधानी के प्रतिष्ठित सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में एक भव्य और गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया।

दिल्ली: Bar Council of Delhi ने सैकड़ों नव-नामांकित अधिवक्ताओं को एनरोलमेंट कार्ड और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। यह आयोजन न केवल नव अधिवक्ताओं के लिए एक विशेष उपलब्धि था, बल्कि भारत की न्याय व्यवस्था में एक नई ऊर्जा के प्रवेश की प्रतीकात्मक शुरुआत भी मानी गई।
समारोह की भव्य शुरुआत
समारोह का शुभारंभ सुबह 10 बजे हुआ, जिसमें दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ता, न्यायविद, और विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। राष्ट्रगान के साथ प्रारंभ हुआ यह कार्यक्रम अत्यंत अनुशासित एवं सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न हुआ। सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम वकीलों और उनके परिजनों की उपस्थिति से खचाखच भरा हुआ था।
एनरोलमेंट की प्रक्रिया और उसका महत्व
वकालत में प्रवेश के लिए बार काउंसिल द्वारा दिया गया एनरोलमेंट कार्ड एक कानूनी अधिकार प्रदान करता है, जिसके माध्यम से कोई भी विधि स्नातक भारत के किसी भी न्यायालय में वकालत करने का अधिकारी बनता है। इस प्रक्रिया में दस्तावेज़ों की जांच, पात्रता की पुष्टि और पात्र अधिवक्ताओं का विधिवत पंजीकरण शामिल होता है।
BCD द्वारा यह आयोजन इसलिए भी खास रहा क्योंकि इसमें योग्य उम्मीदवारों को उनके करियर की शुरुआत का पहला औपचारिक प्रमाण – एनरोलमेंट कार्ड एवं प्रमाण पत्र – मंच पर सम्मानपूर्वक प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ताओं और BCD पदाधिकारियों ने नव अधिवक्ताओं को मार्गदर्शन प्रदान करते हुए उन्हें वकालत के मूल सिद्धांतों — सत्यनिष्ठा, पारदर्शिता और न्यायप्रियता — की महत्ता बताई।
दिल्ली बार काउंसिल के चेयरमैन श्री रमेश गुप्ता ने कहा:
“आज जिन युवा अधिवक्ताओं को यह प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है, वे भविष्य के न्यायदूत हैं। हमारा कर्तव्य है कि हम न केवल कानून की रक्षा करें, बल्कि समाज में न्याय की भावना को भी सुदृढ़ करें।”
नव अधिवक्ताओं की प्रतिक्रिया
एनरोलमेंट कार्ड और प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले नव अधिवक्ताओं में उत्साह और गर्व स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। अनेक युवाओं ने इसे अपने जीवन का “स्वर्णिम क्षण” बताया और बार काउंसिल का आभार व्यक्त किया।
तकनीकी प्रबंधन और आयोजन की सराहना
कार्यक्रम के आयोजन में तकनीकी रूप से अत्यंत व्यवस्थित व्यवस्था देखी गई। BCD ने पंजीकरण, कार्ड वितरण और प्रमाण पत्र वितरण के लिए डिजिटलीकृत प्रक्रिया अपनाई थी जिससे समय की बचत हुई और पारदर्शिता बनी रही।
हर अधिवक्ता को QR कोड स्कैनिंग से एन्ट्री, डिजिटल वेरिफिकेशन और ऑन-साइट प्रिंटेड कार्ड उपलब्ध कराए गए। यह दर्शाता है कि BCD आधुनिक तकनीक के साथ न्यायिक व्यवस्था को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है।
सामाजिक उत्तरदायित्व और नैतिकता पर विशेष बल
इस अवसर पर वक्ताओं ने वकालत से जुड़ी नैतिक जिम्मेदारियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एक वकील समाज में केवल कानून का प्रतिनिधि नहीं होता, बल्कि वह समाज के कमजोर वर्गों की आवाज़ भी होता है।
युवा अधिवक्ताओं से अपील की गई कि वे अपनी प्रैक्टिस के प्रारंभिक दिनों में प्रो बोनो (नि:शुल्क) सेवाएं भी दें, जिससे वे न केवल अनुभव प्राप्त करें, बल्कि सामाजिक योगदान भी दें।
महिला अधिवक्ताओं की बढ़ती भागीदारी
इस वर्ष के एनरोलमेंट में महिला अधिवक्ताओं की संख्या में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। यह भारत में न्याय व्यवस्था में लैंगिक समानता की दिशा में सकारात्मक संकेत है। महिला अधिवक्ताओं ने भी अपने विचार मंच से साझा किए और अन्य युवतियों को इस क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया।
भविष्य की योजनाएं
BCD के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले महीनों में और भी एनरोलमेंट सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें अधिवक्ताओं को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण और परीक्षाएं पास करने के बाद आगे के प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।











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