संसद में एसआईआर प्रक्रिया पर गतिरोध लगातार जारी है। विपक्ष ने मंगलवार को भी एसआईआर प्रक्रिया में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सांसद प्रियंका गांधी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत इंडिया ब्लॉक के नेता शामिल थे।
समाजवादी पार्टी के सांसद और प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत में हलफनामों की प्रतियां दिखाई। उन्होंने कहा कि हमने हलफनामे दिए हैं और ईमेल भेजे हैं। ईमेल भेजने के बावजूद 18,000 लोगों को वोट नहीं करने दिया गया और उनके नाम काट दिए गए। कई जगहों पर एफआईआर दर्ज की गई हैं, लेकिन प्रशासन दबाव बना रहा है। अखिलेश यादव ने कहा, उत्तर प्रदेश में उपचुनावों के दौरान वोटों की डकैती हुई और पुलिस ने इसमें मदद की। इसके हमने हलफनामे हमारे पास हैं। चुनाव आयोग को 18,000 हलफनामे दिए हैं। अगर चुनाव आयोग एक पर भी कार्रवाई करता है, तो एक भी वोट नहीं छूटेगा। इस दौरान, समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने भी चुनाव आयोग पर सवाल उठाए।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर मंगलवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ट्रेनों में यात्रियों के सामान का वजन करने और अतिरिक्त शुल्क वसूलने का कथित कदम गरीब विरोधी फैसला है जिससे आम आदमी पर और बोझ पड़ेगा। पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, भाजपा जनता के लिए भारी बोझ बन गयी है। जिस दिन भाजपाई भ्रष्टाचार की पोटली को जनता तोल देगी, उस दिन भाजपा पटरी से उतर जाएगी, और अब वो दिन बहुत दूर भी नहीं है। कन्नौज से सपा सांसद ने दावा किया कि रेल में यात्रियों के सामान को तोलने के नाम पर भ्रष्टाचार का एक और अध्याय खोला जा रहा है।












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